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लेखनी प्रतियोगिता-संयम-कविता-30-Jan-2023

🛂🛂संयम🛂🛂

जो पालन कर ले
संयम तप महानतम
इंद्रियों का वशिष्ठ तप
हो जाएं वशिष्ठतम


वाणी+संयम सुख का मूल
खुशियों का आधार मूल
शत्रु पर विजय का मूल
मित्रों पर अपनत्व का मूल


जो करे मन का संयम
पाए अदभुत शांति संगम
जो मन के घोड़े पर कसे लगाम
पाए विजय अति उत्तम।।


✍️ विजय पोखरणा "यस"
अजमेर

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6 Comments

Rajeev kumar jha

31-Jan-2023 11:35 AM

Nice

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Punam verma

31-Jan-2023 08:17 AM

Very nice

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